हिन्दू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण देवी माँ बगलामुखी हैं। माँ बगलामुखी को विजय और विरोधियों पर विजय प्राप्त करने की देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्हें विशेष रूप से शत्रु को परास्त करने, विघ्नों को दूर करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाली देवी माना जाता है। बगलामुखी चालीसा एक भक्ति गीत है, जो माँ बगलामुखी की महिमा और उनके आशीर्वाद का विस्तार से वर्णन करता है। यह चालीसा भक्तों को मानसिक शांति, बल, और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक है।
माँ बगलामुखी की महिमा
माँ बगलामुखी का स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली और दिव्य है। वह शत्रुओं के नाशक, परेशानियों को दूर करने वाली और भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली देवी मानी जाती हैं। माँ बगलामुखी का पूजा विधि विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी है, जो जीवन में शत्रुओं से परेशान हैं, या जिन्हें जीवन में रुकावटें आ रही हैं। उनका एक प्रमुख स्वरूप “विपत्ति नाशक” और “विजय प्राप्ति” का होता है, जिससे भक्तों को आशीर्वाद मिलता है।
बगलामुखी चालीसा का महत्व
बगलामुखी चालीसा का पाठ भक्तों को मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करने में सहायक होता है। यह चालीसा उन भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी है जो जीवन की कठिनाइयों का समाधान चाह रहे हैं या शत्रुओं के नाश की कामना कर रहे हैं। इस चालीसा का नियमित पाठ माँ बगलामुखी के आशीर्वाद से जीवन में विघ्नों और शत्रुओं को दूर करता है और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
बगलामुखी चालीसा की रचना
बगलामुखी चालीसा में कुल चालीस श्लोक होते हैं, जो माँ बगलामुखी के विभिन्न रूपों, शक्तियों और उनके भक्तों के प्रति दया का विस्तार से वर्णन करते हैं। यह चालीसा विशेष रूप से माँ की शक्ति, उनके अद्वितीय गुण और उनके द्वारा किए गए कार्यों का बखान करती है। भक्त जब इसे पूरी श्रद्धा से पढ़ते हैं, तो वे माँ की कृपा से अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करते हैं।
बगलामुखी चालीसा का पाठ कैसे करें
बगलामुखी चालीसा का पाठ विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन किया जाता है, क्योंकि इन दिनों को विशेष रूप से माँ बगलामुखी से संबंधित माना जाता है। भक्त इस चालीसा का पाठ शांति और विश्वास के साथ करें, और पूरी श्रद्धा से माँ बगलामुखी का ध्यान करते हुए प्रत्येक श्लोक का उच्चारण करें। पाठ करते समय अगर संभव हो तो पीला रंग पहनना और हल्दी का उपयोग करना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये रंग माँ बगलामुखी से जुड़े होते हैं।
बगलामुखी चालीसा के लाभ
- शत्रुओं का नाश: बगलामुखी चालीसा का पाठ शत्रुओं और विरोधियों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है।
- विघ्नों का नाश: जीवन में आने वाली सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करने में यह चालीसा प्रभावी होती है।
- सफलता की प्राप्ति: यह चालीसा सफलता प्राप्त करने, अपने लक्ष्यों को पूरा करने और जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: बगलामुखी चालीसा का नियमित पाठ मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: यह चालीसा नकारात्मक ऊर्जा और बुरे प्रभावों को दूर करने में मदद करती है।
माँ बगलामुखी चालीसा लिरिक्स श्री बगलामुखी चालीसा
- II दोहा II**
नमो महाविधा बरदा, बगलामुखी दयाल I
स्तम्भन क्षण में करे, सुमरित अरिकुल काल II
II चौपाई II
नमो नमो पीताम्बरा भवानी I
बगलामुखी नमो कल्यानी II (1)
भक्त वत्सला शत्रु नशानी I
नमो महाविधा वरदानी II (2)
अमृत सागर बीच तुम्हारा I
रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा II (3)
स्वर्ण सिंहासन पर आसीना I
पीताम्बर अति दिव्य नवीना II (4)
स्वर्णभूषण सुन्दर धारे I
सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे II (5)
तीन नेत्र दो भुजा मृणाला I
धारे मुद्गर पाश कराला II (6)
भैरव करे सदा सेवकाई I
सिद्ध काम सब विघ्न नसाई II (7)
तुम हताश का निपट सहारा I
करे अकिंचन अरिकल धारा II (8)
तुम काली तारा भुवनेशी I
त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी II (9)
छिन्नभाल धूमा मातंगी I
गायत्री तुम बगला रंगी II (10)
सकल शक्तियाँ तुम में साजें I
ह्रीं बीज के बीज बिराजे II (11)
दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन I
मारण वशीकरण सम्मोहन II (12)
दुष्टोच्चाटन कारक माता I
अरि जिव्हा कीलक सघाता II (13)
साधक के विपति की त्राता I
नमो महामाया प्रख्याता II (14)
मुद्गर शिला लिये अति भारी I
प्रेतासन पर किये सवारी II (15)
तीन लोक दस दिशा भवानी I
बिचरहु तुम हित कल्यानी II (16)
अरि अरिष्ट सोचे जो जन को I
बुध्दि नाशकर कीलक तन को II (17)
हाथ पांव बाँधहु तुम ताके I
हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके II (18)
चोरो का जब संकट आवे I
रण में रिपुओं से घिर जावे II (19)
अनल अनिल बिप्लव घहरावे I
वाद विवाद न निर्णय पावे II (20)
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मूठ आदि अभिचारण संकट I
राजभीति आपत्ति सन्निकट II (21)
ध्यान करत सब कष्ट नसावे I
भूत प्रेत न बाधा आवे II (22)
सुमरित राजव्दार बंध जावे I
सभा बीच स्तम्भवन छावे II (23)
नाग सर्प ब्रर्चिश्रकादि भयंकर I
खल विहंग भागहिं सब सत्वर II (24)
सर्व रोग की नाशन हारी I
अरिकुल मूलच्चाटन कारी II (25)
स्त्री पुरुष राज सम्मोहक I
नमो नमो पीताम्बर सोहक II (26)
तुमको सदा कुबेर मनावे I
श्री समृद्धि सुयश नित गावें II (27)
शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता I
दुःख दारिद्र विनाशक माता II (28)
यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता I
शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता II (29)
पीताम्बरा नमो कल्यानी I
नमो माता बगला महारानी II (30)
जो तुमको सुमरै चितलाई I
योग क्षेम से करो सहाई II (31)
आपत्ति जन की तुरत निवारो I
आधि व्याधि संकट सब टारो II (32)
पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी I
अर्थ न आखर करहूँ निहोरी II (33)
मैं कुपुत्र अति निवल उपाया I
हाथ जोड़ शरणागत आया II (34)
जग में केवल तुम्हीं सहारा I
सारे संकट करहुँ निवारा II (35)
नमो महादेवी हे माता I
पीताम्बरा नमो सुखदाता II (36)
सोम्य रूप धर बनती माता I
सुख सम्पत्ति सुयश की दाता II (37)
रोद्र रूप धर शत्रु संहारो I
अरि जिव्हा में मुद्गर मारो II (38)
नमो महाविधा आगारा I
आदि शक्ति सुन्दरी आपारा II (39)
अरि भंजक विपत्ति की त्राता I
दया करो पीताम्बरी माता II (40)
दोहा
रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल I
मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल II
II इति बगलामुखी चालीसा सम्पूर्ण II
बगलामुखी चालीसा का पाठ करने के क्या लाभ हैं?
माँ बगलामुखी को शक्ति, विजय और शत्रु नाश करने वाली देवी माना जाता है। उनकी चालीसा का पाठ करने से जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर होती हैं और सफलता प्राप्त होती है। किसी कानूनी विवाद में जीत के लिए भी यह चालीसा बहुत प्रभावी मानी जाती है। राजनीति, वकालत और मीडिया से जुड़े लोगों के लिए यह चालीसा बहुत लाभकारी होती है। अगर घर में लगातार झगड़े, मतभेद या अशांति बनी रहती है, तो इस चालीसा के पाठ से शांति और प्रेम बढ़ता है।
बगलामुखी चालीसा का पाठ किस दिन और किस समय करना सबसे शुभ माना जाता है?
-माँ बगलामुखी की उपासना के लिए विशेष दिन और समय का बहुत महत्व होता है। मंगलवार और गुरुवार को बगलामुखी चालीसा का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है। अष्टमी, नवमी और पूर्णिमा तिथि पर पाठ करने से माँ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4:00 से 6:00 बजे) – इस समय पाठ करने से माँ की कृपा जल्दी प्राप्त होती है। रात्रि 10:00 बजे के बाद – यह समय साधना और तंत्र सिद्धि के लिए उपयुक्त माना जाता है, लेकिन इसे किसी अनुभवी गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए।
क्या बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है?
-बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं पर जीत पाई जा सकती है। माँ बगलामुखी को शत्रु नाश करने और संकट दूर करने वाली देवी माना जाता है। अगर किसी को शत्रुओं से परेशानियाँ हो रही हैं, कोर्ट केस चल रहा है, या कोई साजिश रच रहा है, तो इस चालीसा का पाठ करने से रक्षा होती है और सफलता मिलती है।
बगलामुखी चालीसा में माता बगलामुखी के कौन-कौन से स्वरूपों और शक्तियों का वर्णन किया गया है?
-बगलामुखी चालीसा में माँ बगलामुखी के विभिन्न स्वरूपों और शक्तियों का विस्तार से वर्णन किया गया है। माँ बगलामुखी को शत्रु नाशिनी, वाणी की देवी और तंत्र की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इस चालीसा में पीताम्बरा देवी,स्तंभन शक्ति, अधिष्ठात्री देवी, संकट हरिणी के रूप में माँ बगलामुखी का वर्णन किया गया है। **
क्या बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से वाद-विवाद और कानूनी मामलों में सफलता मिल सकती है?**
हाँ, बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से झगड़े, मुकदमे और कानूनी मामलों में जीत मिल सकती है। माँ बगलामुखी को शत्रुओं और बाधाओं को रोकने वाली देवी माना जाता है। उनकी कृपा से कोर्ट केस में सफलता, विवादों में जीत और कानूनी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
बगलामुखी चालीसा का पाठ करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए?
-इसे पढ़ते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है. मंगलवार या गुरुवार को पाठ करना सबसे शुभ माना जाता है। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें, विशेष रूप से पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। पाठ शुरू करने से पहले माँ बगलामुखी से अपनी मनोकामना के लिए संकल्प लें। पाठ के बाद “ॐ ह्लीं बगलामुखी नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें, इससे शीघ्र फल मिलता है। पाठ के दौरान मांस, मदिरा और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। बगलामुखी चालीसा का पाठ किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए न करें।
क्या बगलामुखी जयंती या नवरात्रि में बगलामुखी चालीसा का पाठ विशेष रूप से प्रभावी होता है?
-हाँ, बगलामुखी जयंती और नवरात्रि के दौरान बगलामुखी चालीसा का पाठ बहुत प्रभावी माना जाता है। इन दिनों में माँ बगलामुखी की ऊर्जा सबसे प्रबल होती है। बगलामुखी जयंती के दिन चालीसा पढ़ने से शत्रुओं पर विजय और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है। नवरात्रि में बगलामुखी चालीसा पाठ करने से विशेष फल मिलता है, शत्रु कमजोर पड़ जाते हैं और उनकी गलत योजनाएँ विफल हो जाती हैं। वाद-विवाद, कानूनी मामलों और बिज़नेस में सफलता मिलती है।
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माँ बगलामुखी की कृपा से आपके जीवन में विजय, सुरक्षा और शक्ति बनी रहे! जय माँ बगलामुखी!
निष्कर्ष
बगलामुखी चालीसा एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावी भक्ति गीत है, जो माँ बगलामुखी की महिमा और उनके आशीर्वाद को समर्पित है। इसके नियमित पाठ से भक्तों को शत्रुओं से मुक्ति, मानसिक शांति, सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। यदि आप भी अपने जीवन में किसी प्रकार के विघ्न, शत्रु, या समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो बगलामुखी चालीसा का पाठ आपके लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकता है।
“जय माँ बगलामुखी!”