नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव एक बार फिर दिल्ली हाईकोर्ट के रडार पर हैं। कोर्ट ने ‘शरबत जिहाद’ जैसे विवादित बयान को लेकर उन्हें प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी माना है और अवमानना नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जस्टिस अमित बंसल ने सुनवाई के दौरान कहा – “रामदेव किसी के नियंत्रण में नहीं हैं, वह अपनी ही दुनिया में रहते हैं।” यह टिप्पणी उस समय की गई जब यह स्पष्ट हुआ कि कोर्ट के पूर्व निर्देशों के बावजूद रामदेव ने हमदर्द उत्पादों पर नया आपत्तिजनक वीडियो जारी किया है।
🔍 कोर्ट का पूर्व आदेश और उसका उल्लंघन:
22 अप्रैल को अदालत ने रामदेव को निर्देश दिया था कि वह हमदर्द कंपनी के उत्पादों के खिलाफ कोई बयान या वीडियो साझा न करें। लेकिन इसके बावजूद एक नया वीडियो सामने आया, जिसे कोर्ट ने स्पष्ट रूप से न्यायालय की अवमानना माना।
📢 हमदर्द की याचिका:
हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने बाबा रामदेव और पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ याचिका दाखिल कर आरोप लगाया कि रामदेव ने बयान में कहा था कि “हमदर्द के शरबत से होने वाली कमाई मदरसों और मस्जिदों के निर्माण में लगाई जाती है।”
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रामदेव ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया, लेकिन सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने इसे सांप्रदायिक बयान बताते हुए कोर्ट से सख्त कार्रवाई की मांग की।
⚠️ हाईकोर्ट की चेतावनी:
कोर्ट पहले ही कह चुका था कि रामदेव के बयान न्यायालय की अंतरात्मा को आहत करते हैं, और आगे से कोई उल्लंघन न हो। इसके बावजूद दोबारा वीडियो सामने आने से कोर्ट की नाराजगी और बढ़ गई।