राणी सती चालीसा, राजस्थान की प्रसिद्ध देवी राणी सती की पूजा अर्चना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह चालीसा देवी राणी सती के प्रति भक्तों की श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। राणी सती, जिन्हें मातरानी भी कहा जाता है, एक शक्तिशाली देवी मानी जाती हैं, जो अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं और उन्हें संकटों से उबारती हैं। राणी सती चालीसा के पाठ से व्यक्ति को शांति, समृद्धि और मानसिक बल की प्राप्ति होती है।
राणी सती देवी का महत्व
राणी सती का संबंध भारतीय संस्कृति और इतिहास से गहरे तौर पर जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि राणी सती एक आदर्श पतिव्रता थीं, जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद आत्मदाह कर लिया था। उनकी आत्मत्याग की घटना को अत्यधिक सम्मान और श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता है। राणी सती को सच्ची भक्ति, त्याग और बलिदान का प्रतीक माना जाता है।
वह अपने भक्तों की हर एक छोटी-बड़ी इच्छा पूरी करने के लिए प्रसिद्ध हैं। खासकर महिलाएं अपनी सुख-शांति, समृद्धि और वैवाहिक जीवन में सुख के लिए राणी सती की पूजा करती हैं।
राणी सती चालीसा का महत्व
राणी सती चालीसा का पाठ करने से जीवन में समृद्धि, सुख और शांति आती है। यह चालीसा खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो अपने जीवन में किसी प्रकार के कष्टों का सामना कर रहे हैं। यह मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति को भी बढ़ावा देती है। साथ ही, यह स्त्री-पुरुषों के बीच आपसी प्रेम, समझ और सहयोग को भी मजबूत बनाती है।
राणी सती चालीसा में देवी राणी सती के विभिन्न रूपों और उनके अद्भुत गुणों का वर्णन किया गया है। इसमें उनके साहस, समर्पण और भक्ति का आदान-प्रदान किया गया है। यह चालीसा भगवान से उन सभी भक्तों के लिए आशीर्वाद की कामना करती है जो सच्चे दिल से इसे पाठ करते हैं।
राणी सती चालीसा का पाठ क्यों करें?
- संकटों से मुक्ति: यदि जीवन में किसी प्रकार के संकट, तनाव या दुःख का सामना कर रहे हों, तो राणी सती चालीसा का पाठ बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह मानसिक शांति और आत्मबल प्रदान करता है, जिससे आप अपनी समस्याओं से उबर सकते हैं।
- धन-संपत्ति की वृद्धि: राणी सती देवी के आशीर्वाद से घर में समृद्धि और ऐश्वर्य आता है। चालीसा का नियमित पाठ घर में धन और समृद्धि लाता है।
- वैवाहिक सुख: राणी सती चालीसा का पाठ विशेष रूप से उन जोड़ों के लिए लाभकारी है, जो अपने वैवाहिक जीवन में प्रेम और सुख चाहते हैं।
- सच्ची भक्ति का मार्ग: यह चालीसा हमें सच्ची भक्ति, त्याग और समर्पण का पाठ पढ़ाती है। राणी सती के जीवन से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना साहस और धैर्य से कर सकते हैं।
राणी सती चालीसा के लाभ
- चालीसा का पाठ करते समय मन की शांति और एकाग्रता प्राप्त होती है।
- मानसिक और शारीरिक कष्टों में कमी आती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- घर में समृद्धि, सुख-शांति और धन की वृद्धि होती है।
- यह चालीसा भक्तों के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
राणी सती चालीसा के कुछ श्लोक
- “जय राणी सती माता, हर दिल में बसा तुम्हारा भव्य रूप।”
- यह श्लोक देवी राणी सती के महान रूप की महिमा का बखान करता है।
- “माता की पूजा से मिलता है जीवन में सुख और समृद्धि।”
- यह श्लोक राणी सती की पूजा के महत्व को दर्शाता है।
राणी सती चालीसा पढ़ने के लाभ
अब कोई व्यक्ति रोज राणी सती दादीजी के चालीसा का पाठ करता हैं और उनका ध्यान करता है, उसे दादीजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही उसके अंदर शत्रुओं से निपटने की शक्ति विकसित होती है। जीवन में जो भी विपदाएं या संकट आ रहे थे, उन्हें सुलझाने के मार्ग खुल जाते है। राणी सती दादी जी की चालीसा के माध्यम से व्यक्ति का मानसिक विकास तेजी से होता है और वह साहसी एवं निडर बनता है।
राणी सती दादी चालीसा दोहा
श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार I
राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार II
काम क्रोध मद लोभ में, भरम रह्यो संसार I
शरण गहि करूणा मई, सुख सम्पति संसार II
राणी सती दादी चालीसा चौपाई
नमो: नमो: श्री सती भवानी, जग विख्यात सभी मन मानी I
नमो: नमो: संकट को हरनी, मनवांछित पूरण सब करनी II (१)
नमो: नमो: जय जय जगदंबा, भक्तन काज न होय विलंबा।
नमो: नमो: जय जय जगतारिणी, सेवक जन के काज सुधारिणी II (२)
दिव्य रूप सिर चूनर सोहे, जगमगात कुन्डल मन मोहे I
मांग सिंदूर सुकाजर टीकी, गजमुक्ता नथ सुंदर नीकी II (३)
गल वैजंती माला विराजे, सोलहूं साज बदन पे साजे I
धन्य भाग गुरसामलजी को, महम डोकवा जन्म सती को II (४)
तन धनदास पति वर पाये, आनंद मंगल होत सवाये I
जालीराम पुत्र वधु होके, वंश पवित्र किया कुल दोके II (५)
पति देव रण मॉय जुझारे, सति रूप हो शत्रु संहारे I
पति संग ले सद् गती पाई , सुर मन हर्ष सुमन बरसाई II (६)
धन्य भाग उस राणा जी को, सुफल हुवा कर दरस सती का I
विक्रम तेरह सौ बावन कूं, मंगसिर बदी नोमी मंगल कूं II (७)
नगर झून्झूनू प्रगटी माता, जग विख्यात सुमंगल दाता I
दूर देश के यात्री आवे, धुप दिप नेवैध्य चढावे II (८)
उछाड़ उछाड़ते है आनंद से, पूजा तन मन धन श्रीफल से I
जात जङूला रात जगावे, बांसल गोत्री सभी मनावे II (९)
पूजन पाठ पठन द्विज करते, वेद ध्वनि मुख से उच्चरते I
नाना भाँति भाँति पकवाना, विप्र जनो को न्यूत जिमाना II (१०)
श्रद्धा भक्ति सहित हरसाते, सेवक मनवांछित फल पाते I
जय जय कार करे नर नारी, श्री राणी सतीजी की बलिहारी II (११)
द्वार कोट नित नौबत बाजे, होत सिंगार साज अति साजे I
रत्न सिंघासन झलके नीको, पलपल छिनछिन ध्यान सती को II (१२)
भाद्र कृष्ण मावस दिन लीला, भरता मेला रंग रंगीला I
भक्त सूजन की सकल भीड़ है, दरशन के हित नही छीड़ है II (१३)
अटल भुवन मे ज्योति तिहारी, तेज पूंज जग मग उजियारी I
आदि शक्ति मे मिली ज्योति है, देश देश मे भवन भौति है II (१४)
नाना विधी से पूजा करते, निश दिन ध्यान तिहारो धरते I
कष्ट निवारिणी दु:ख नासिनी, करूणामयी झुन्झुनू वासिनी II (15)
प्रथम सती नारायणी नामा, द्वादश और हुई इस धामा I
तिहूं लोक मे कीरति छाई, राणी सतीजी की फिरी दुहाई II (१६)
सुबह शाम आरती उतारे, नौबत घंटा ध्वनि टंकारे I
राग छत्तीसों बाजा बाजे, तेरहु मंड सुन्दर अति साजे II (१७)
त्राहि त्राहि मैं शरण आपकी, पुरी मन की आस दास की I
मुझको एक भरोसो तेरो, आन सुधारो मैया कारज मेरो II (१८)
पूजा जप तप नेम न जानू, निर्मल महिमा नित्य बखानू I
भक्तन की आपत्ति हर लिनी, पुत्र पौत्र सम्पत्ति वर दीनी II (१९)
पढे चालीसा जो शतबारा, होय सिद्ध मन माहि विचारा I
टाबरिया ली शरण तिहारी, क्षमा करो सब भूल चूक हमारी II (२०)
राणी सती दादी चालीसा
दु:ख आपद विपदा हरण, जन जीवन आधार I
बिगड़ी बात सुधारियो, सब अपराध बिसार II
॥ इति श्री राणी सती दादी चालीसा सम्पूर्ण ॥
राणी सती दादी चालीसा का पाठ करने के क्या लाभ हैं?
राणी सती दादी चालीसा का पाठ करने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह पाठ विशेष रूप से साहस, आत्मविश्वास और शक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है। राणी सती दादी को अद्वितीय वीरता और नारी शक्ति का प्रतीक माना जाता है, इसलिए उनके चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति में निडरता, संकल्प शक्ति और आत्मबल की वृद्धि होती है। जिन लोगों को अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें इस चालीसा का पाठ करने से मार्गदर्शन और प्रेरणा मिलती है। इसके अलावा, यह पाठ परिवार की रक्षा, सुख-शांति और समृद्धि के लिए भी बहुत लाभकारी माना जाता है।
राणी सती दादी चालीसा का पाठ किस दिन और किस समय करना सबसे शुभ माना जाता है?
राणी सती दादी चालीसा का पाठ करने के लिए बुधवार और शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा तिथियों पर इस पाठ को करना अधिक फलदायी होता है। प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में पाठ करना उत्तम रहता है, क्योंकि इस समय वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। यदि प्रातःकाल पाठ संभव न हो तो संध्या समय, सूर्यास्त के बाद भी इसे किया जा सकता है।
क्या राणी सती दादी चालीसा का पाठ करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है?
राणी सती दादी चालीसा का पाठ करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस पाठ से घर के सदस्यों में आपसी प्रेम और सौहार्द बना रहता है। राणी सती दादी को कुलदेवी के रूप में भी पूजा जाता है, इसलिए उनका आशीर्वाद पाने से घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता प्रवेश नहीं करती।
क्या राणी सती दादी चालीसा का पाठ करने से साहस, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प बढ़ता है?
राणी सती दादी चालीसा का पाठ करने से साहस, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प में वृद्धि होती है। यह पाठ विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत लाभकारी है, जो जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं या अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। यह चालीसा व्यक्ति को मानसिक बल और आत्मनिर्भरता प्रदान करती है, जिससे वह अपने लक्ष्यों की ओर बिना किसी भय के अग्रसर हो सके।
राणी सती दादी चालीसा का पाठ करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए?
राणी सती दादी चालीसा का पाठ करते समय कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए। पाठ से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना आवश्यक होता है। पाठ के लिए एक शांत और पवित्र स्थान चुनना चाहिए, जहाँ बाहरी व्यवधान न हो। दीप जलाकर, पुष्प अर्पित करके और प्रसाद चढ़ाकर पाठ करना विशेष फलदायी होता है। पाठ के बाद आरती करना और प्रसाद का वितरण करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, यदि कोई विशेष मनोकामना के लिए यह पाठ कर रहा है, तो उसे पूर्ण नियम और संयम का पालन करते हुए इसे 11, 21 या 51 दिनों तक करना चाहिए।
राणी सती दादी चालीसा PDF
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राणी सती दादी की कृपा से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शक्ति बनी रहे! जय दादी जी!
निष्कर्ष
राणी सती चालीसा एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली भक्ति स्तोत्र है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने के लिए पढ़ा जाता है। यह न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि भक्तों को सही दिशा और आशीर्वाद भी देता है। यदि आप भी अपनी जीवन में समृद्धि, प्रेम और शांति की कामना रखते हैं, तो राणी सती चालीसा का पाठ निश्चित रूप से आपके जीवन में बदलाव ला सकता है।
सच्चे मन से राणी सती चालीसा का पाठ करें और देवी राणी सती से आशीर्वाद प्राप्त करें।